लक्ष्मी प्राप्ति की चमत्कारिक विधि
यूं तो लक्ष्मी प्राप्ति के बहुत से उपाय हैं। परंतु यह उपाय जो मैं आपको बताने जा रहा हूं यह मेरा प्रयोग किया हुआ प्रमाणिक उपाय है। जो शीघ्र ही परिणाम देता है।
मैं अपना अनुभव आपके साथ साझा करना चाहता हूं कि कैसे इस प्रयोग द्वारा मैंने अपने पैसों के अभाव को दूर किया था। मैं नौकरी करता हूं। मेरी सैलरी मेरे महीने के खर्चों से कम है। अक्सर मेरी तनख्वाह मिलते ही मेरे पास महीने के एक-दो सप्ताह में ही खर्च हो जाते हैं। बाद में बस बहुत थोड़े से पैसे बचते हैं जिससे बाकी का महीना गुजारना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस दिवाली पर मुझे यही चिंता सता रही थी कि दिवाली का क्या होगा क्योंकि इस बार दिवाली महीने के आखिरी हफ्ते में थी।
अब मैंने बहुत विचार करके यह साधना दिवाली के महीने के पहले हफ्ते से शुरू करी। मेरी सैलरी पहले हफ्ते में ही आ जाती है। मैं निरंतर सुबह यह साधना बड़े अनुशासन के साथ कर रहा था की कि अचानक मेरे साथ एक चमत्कार हुआ मेरी कंपनी ने महीने के दूसरे हफ्ते फिर से मेरे अकाउंट में पूरे महीने की सैलरी डाल दी और इसके बारे में मेरे को कोई सूचना भी नहीं मिली। और तो और दिवाली के नजदीक मेरी कंपनी ने ₹3000 मेरे अकाउंट में बिना सूचना के डाल दिए। मुझे आज तक अपनी कंपनी की तरफ से कोई दिवाली बोनस नहीं मिला है परंतु अभी तक मेरे को यह समझ में नहीं आया कि सिर्फ मुझे ही क्यों सैलरी और बोनस मिला है। परंतु इस साधना के बल पर मेरे तो मजे हो गए और मेरी दीवाली बहुत बढ़िया गई।
मेरा विश्वास है कि अगर आप भी इस विधि द्वारा साधना करेंगे तो निश्चित ही आपको लाभ होगा।
साधना विधि
आप यह विधि सुबह या शाम या फिर दोनों बार कर सकते हैं जैसी आपकी इच्छा हो। सर्वप्रथम स्वच्छ होकर किसी आसन पर रीड की हड्डी को सीधा करके बैठ जाएं। हो सके तो मां लक्ष्मी की कोई तस्वीर अपने सामने या पास रख ले। अपने पास किसी कप में या कटोरी में पीने का पानी जरूर रखें। इस साधना को सफल बनाने के तीन तत्व हैं विश्वास ,एकाग्रता और सहजता जिसका आप साधना के दौरान जरूर ख्याल रखें।
सर्वप्रथम नाभि तक गहरी स्वास का अभ्यास (Deep Breathing) 2 -5 मिनट करें। फिर 10 से 12 मिनट तक नाड़ी शोधन प्राणायाम जिसे अनुलोम विलोम प्राणायाम भी कहते हैं का अभ्यास करें। जब मन बिल्कुल शांत और स्थिर हो जाए तो गहरी श्वास भर के श्वास छोड़ते हुए ओम् का उच्चारण करते हुए पूरी श्वास छोड़ दें यह क्रिया 10 से 12 बार करें। अब अब मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए उनसे अनुरोध करें। महालक्ष्मी के बीज मंत्र श्रीं को अपने मन से अपने आज्ञा चक्र पर लाल रंग से बनाएं या फिर बना हुआ देखें। अब 10 से 12 मिनट ओम् की ही तरह गहरी श्वास नाभि से भरते हुए श्रीं मंत्र का उच्चारण करते हुए श्वास छोड दे। इसके बाद बिना आंखें खोले हुए श्रीं मंत्र की 2 ,3 ,5 ,7 ,11 माला जितनी आपकी इच्छा हो करें। माला कोई भी हो सकती है जैसे रुद्राक्ष की कमलगट्टे की या फिर मूंगे की जो भी आपके पास उपलब्ध हो। याद रखें माला की संख्या हर रोज उतनी ही हो जो आप पहले दिन से करें। फिर माला समाप्त होने के बाद फिर से श्रीं मंत्र का उच्चारण गहरी श्वास छोड़ते हुए करें 4 से 5 मिनट। अब जो ऊर्जा आपने इस मंत्र की साधना के द्वारा बनाई है उस ऊर्जा को आज्ञा चक्र पर देखते रहे या फिर ध्यान करें। जितनी देर आप सहजता से बैठ सकें। अब उठने से पहले फिर से मां लक्ष्मी को प्रार्थना करें और अपनी मनोकामना फिर से दोहराएं। अब जो जल आपने अपने पास रखा हुआ है उस जल में श्रीं मंत्र का ध्यान करते हुए उस जल को घुट घुट कर के पी जाएं और आसन से उठ जाएं। यह साधना अब समाप्त हुई। अब यह प्रक्रिया रोज दोहराएं। बहुत जल्द ही आपकी मनोकामना महालक्ष्मी पूर्ण कर देंगी। मेरी भी यही कामना है कि आप सबकी इस विधि द्वारा बताई हुई साधना संपन्न हो और आप अपने उद्देश्य को पूर्ण करें। धन्यवाद
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